Janmashtami Special: श्रीजी का आश्रय - युवा कवयित्री जयश्री पाठक

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ओह मेरी लाड़ली जू

हमेशा तुम्हारी कृपा मुझ पर बनी रहे

बस यही एक प्रार्थना है

पूरा जीवन तुम्हारे चरणों में बिताना है क्या ही कहना तुम्हारी आँखों का बस इन्ही में मुझे खो जाना है

वृषभानु की दुलारी, श्याम की प्यारी आप ही हो हमारी महारानी

राधा रानी जिनका नाम है

वृंदावन जिनका धाम है

हमारी श्यामा प्यारी को

हमारा प्रणाम है

जय जय श्री राधे

- युवा कवयित्री जयश्री पाठक

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