Janmashtami Special: प्रेम का एक नाम - श्री राधे, युवा कवि संयम सिंह

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तेरे प्रेम के सहारे मेरी सांस अब चलेगी ,जो तू नहीं कान्हा तो ये प्राण भी न होंगे...

हम तो तेरे दीवाने, तेरे प्रेम के पुजारी है...

तेरे लिये जि रहे है , तेरे लिये जियेंगे...

मेरा हाथ अब पकड़ लो कान्हा, मुझे अपने प्रेम से जकड़ लो...

ये प्रेम की डगर पर चल पड़े है, जो चल पड़े कदम...अब मुझे आप संभालो...

- संयम सिंह, युवा कवि और सामाजिक उद्यमी, अध्यक्ष मेरा भारत महान फाउंडेशन

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