बड़ौत। शुक्रवार को स्थानीय परिवाद समिति की बैठक जनता वैदिक कालेज बडौत में आयोजित की गई ।लैंगिक उत्पीडन समिति की अध्यक्ष डा गीता रानी ने मीटिंग को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज महिलाएँ हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है ।
कार्यस्थल पर लोग महिलाओं के प्रति लैंगिक उत्पीड़न से भी बाज़ नहीं आ रहे हैं ।ऐसे में कार्यस्थल पर लैंगिक महिला उत्पीड़न अधिनियम की घटनाओं को रोकने के लिए ,महिलाओं को सुरक्षित करने के लिए एवं लैंगिक उत्पीड़न से संबंधित शिकायतों के निवारण के लिए ज़िला स्तर पर लैंगिक उत्पीड़न समिति का गठन किया गया है ।कार्य स्थलों पर महिलाओं का उत्पीड़न जैसे-अवांछनीय यौन व्यवहार ,मौखिक या शारीरिक रूप से प्रताड़ित करना या फिर काम के माहौल को भयपूर्ण , अपमानजनक एवं शत्रुतापूर्ण बनाना है ।
ये किसी भी रूप में हो सकता है ।लैंगिक उत्पीड़न महिलाओं के समानता के मूल अधिकार जो संविधान के अनुच्छेद 14,15 और 21में वर्णित है ,उनका उल्लंघन करना है ।ज़िला प्रोबेशन अधिकारी श्रीमती तुलिका शर्मा ने कहा कि कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन अधिनियम 9 दिसंबर 2013 को महिलाओं के लिए गठित हुआ है ।जिन संस्थाओं में 10 से अधिक लोग काम करते हैं ।वहाँ यह अधिनियम लागू होता है ।इस अधिनियम के अंतर्गत धर्म,नस्ल, जाति,लिंग आदि के आधार पर कटाक्ष या व्यवहार लैंगिक उत्पीडन में आता है ।बैठक में सुश्री ज्योति बाला,श्री देवेन्द्र धामा,सुश्री सुदेश रानी उपस्थित रहें ।