मिलिए शिक्षा रत्न उपाधि प्राप्त अमन कुमार से जो 70 लाख से अधिक लोगों को जोड़ चुके अवसरों से।

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पढ़िए 20 वर्षीय युवा की अखबार बेचने से लेकर अखबार की हेडलाइन बनने तक की कहानी..

आज इस लेख में हम बात कर रहे है एक ऐसे युवा की जिसने अखबार वितरण से लेकर अखबार की हेडलाइन बनने तक का सफर तय किया, जिसने लीक से हटकर अपनी स्वयं की राह बनाई, जिसने 70 लाख से अधिक लोगों को अवसरों से जोड़ा और अभी भी निरंतर प्रयास जारी है.. 

वर्ष 2016 में किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी कि यह जो 14 वर्षीय बालक साइकिल पर अखबार वितरण कर रहा है, इसका भविष्य क्या होगा। निश्चित ही लोगों ने उसको तब भी कम आंका होगा जब पहली बार वर्ष 2017 में उसने अपने स्कूल में मंच पर बोलने के लिए माइक थामा। और यह तो शायद ही कोई जानता होगा जब 22 अप्रैल 2019 की रातभर जागकर अपने भविष्य को लिखने में अमन इस कदर खो गया कि लगातार 3 दिन सोने की इच्छा नहीं हुई। लेकिन कोई भी किस्सा केवल शीर्षक पढ़कर समझना मुश्किल है, आइए विस्तार में बात करे।


यह वर्ष 2016 की बात है जब अमन ने सरूरपुर खेड़की के इंटरमीडिएट कॉलेज में कक्षा 8 में दाखिला लिया। पारिवारिक स्थिति ऐसी थी कि सुबह 4 बजे उठकर पहले शहर जाकर अखबार खरीदना और फिर नजदीक के गांव में ही अखबार वितरण करना और अखबार वितरण के तुरंत बाद 7 बजे घर पहुंचकर स्कूल जाने की तैयारी करना। अमन ने बताया कि इस अनुभव ने उन्हें निरंतरता बनाए रखने के लिए तैयार किया। अखबार वितरण एक ऐसा पेशा है जिसमें छुट्टी भी नहीं है और समय से लेट होने पर पाठकों की रुचि भी कम हो जाती है। इस अनुभव ने उनको समय की अहमियत भी सिखाई और मात्र 14 वर्ष की उम्र में अमन इस कार्य से बेहद महत्वपूर्ण सीख ले चुके थे।


बात करते है वर्ष 2017 के उस दिन की जब स्कूल में प्रार्थना स्थल पर कोई कार्यक्रम था और अचानक से भाषण देने के लिए अमन का नाम बोला गया। वह जब तक कुछ समझ पाता, क्लास के साथी मोहित ने उसको एक कागज पर लिखी कुछ लाइनें थमा दी। अमन मंच पर पहुंचा लेकिन पहली बार मंच पर आने के बाद और सभी लोगों को उन्हें घूरते देखकर घबरा गया जिस कारण उनका भाषण नहीं हो सका। लेकिन उस घटना ने अमन में एक नए आत्मविश्वास को जन्म दिया और मोहित ने अपने उत्कृष्ट वक्ता होने के गुर अमन को सिखाना शुरू किया जिसके आधार पर विभिन्न महत्वपूर्ण मंचों पर अपने विचार साझा कर पाना उनके लिए संभव हुआ। 


वर्ष 2019 का वह भी दुर्लभ समय था जब अमन को निबंध लेखन का बेहद शौक था और वह अक्सर ऐसी प्रतियोगिताओं की तलाश में रहता। लेकिन हमेशा अवसर उपलब्ध नही हो पाते तो एक बार अमन ने कुछ सोचकर और इंटरनेट पर जानकारी इकट्ठा कर फ्यूचर राइटर्स ऑफ द अर्थ कॉन्टेस्ट लॉन्च कर दिया जिसमें विश्व पृथ्वी दिवस पर निबंध लिखना था। अमन द्वारा आयोजित कॉन्टेस्ट में विश्वभर से 2000 से अधिक ऑनलाइन एंट्री उनको मिली जो उनको सफलता का स्वाद चखा गया। इसी सफलता और अनुभव से सीख लेकर वर्तमान में भी अमन द्वारा इंटरनेट मीडिया पर विभिन्न कार्यक्रम संचालित किए जा रहे है।


इस साक्षात्कार के अन्य चैप्टर पढ़िए अगले रविवार, केवल युवा कनेक्ट पर।

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